Here in this Blog Im sharing A poem by well known Hindi poet Harivanshray Bachchan.
यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभाल के !!! बेचने वाले हवा भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के !!! सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी !!! तीन लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी!!! कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे… टूट कर बिखर्र जाओगे । जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए… “खुदा” बन जाओगे ।। Written By Harivanshrai Bachchan